पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, June 30, 2009

12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट


करीबन आठ वर्ष पूर्व एक प्रकरण में राजस्थान उच्च न्यायालय का स्थगन आदेश समाप्त होने के बाद बाली के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बाली एवं फालना में थानाधिकारी रहे बोराजसिह भाटी समेत 10 पुलिसकर्मियों एवं दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर उनको न्यायालय में तलब करने के आदेश दिए है।

एडवोकेट प्रवीण भंडारी के अनुसार फालना निवासी लीला पत्नी बाबूलाल कलाल ने गत 23 जून, 2001 को न्यायालय में मामला दर्ज कर आरोप लगाया था कि 23 जून की रात को करीबन 8 बजे पूर्व में फालना के थानाधिकारी रहे बोराजसिंह भाटी, एएसआई सपाराम, पुलिसकर्मी सत्यदेवसिंह, डगलाराम, ओमप्रकाश, राजेश कुमार,बस्तीमल,कल्याणमल व पुखराज सहित दो अन्य व्यक्ति जिसमें राजेंद्रसिंह व जेठूसिंह ने शराब की दुकानपर कार्यरतकर्मिर्यों के साथ लीला देवी के मकान पर आए एवं पत्थरबाजी के साथ छत पर चढ़कर दरवाजे की कुंडी तोड़कर अंदर प्रवेश किया तथा परिवादी लीला एवं बाबूलाल के साथ मारपीट की।

उन्होंने उसके घर से 31000 रुपए तथा बच्चों के स्कूल की फीस एवं नगदी सहित जेवरात लेकर चले गए। इस मामले में न्यायालय ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तारी वारंट के जरिए न्यायालय में तलब करने के आदेश दिए थे। इस पर आरोपियों ने उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया, जिससे निचली अदालत ने आगे कार्रवाई नहीं की। अब उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश समाप्त होने के बाद फिर से आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर सभी को न्यायालय में 4 जुलाई को तलब होने के आदेश दिए है।

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