पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, June 30, 2009

अब नियमित नियुक्ति तिथि से मिलेगा चयनित वेतनमान।




राजस्थान राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय के आधार पर कार्मिकों को प्रथम नियुक्ति तिथि की बजाए नियमित नियुक्ति तिथि से चयनित वेतनमान देने के आदेश जारी किए हैं। ये मसला पिछले कई साल से न्यायालय में लंबित था। सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई 2009 को एक आदेश जारी कर चयनित वेतनमान देने का रास्ता साफ कर दिया है। राज्य सरकार ने सोमवार को आदेश जारी किए हैं कि नियमित नियुक्ति तिथि से पूर्व का कार्यकाल अनियमित माना जाएगा। कार्मिकों की सेवा अवधि के चयनित वेतनमान की गणना अब नियमित नियुक्ति की तिथि से होगी।
शिक्षा विभाग में पंचायत राज और प्रांरभिक शिक्षा के करीब पन्द्रह हजार से अधिक शिक्षक इससे प्रभावित होंगे। सन 1985-86 से 90 के बीच नियुक्तियां जिला परिषद के अधीन होती थी। इन कर्मचारियों को जिस तिथि से नियमित माना गया है, उसी तिथि से इनको 9-18-27 का चयनित वेतनमान मिल सकता है। राज्य सरकार ने राहत देते हुए ऐसे कर्मचारियों की 30 जून 2009 तक की रिकवरी माफ कर दी है।
उसके बाद का भुगतान नियमानुसार होगा। राज्य सरकार ने ऐसे सभी कार्मिकों के वेतन स्थिरीकरण का काम एक माह में करने के आदेश जारी किए हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के मुख्य लेखाधिकारी सुरेश कुमार वर्मा ने बताया कि अभियान चलाकर ऐसे कार्मिकों का वेतन स्थिरीकरण किया जाएगा। एक जुलाई से अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जाएगा और इस दौरान जो अतिरिक्त भुगतान हो गया है, उसकी वसूली नहीं की जाएगी।

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