पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Saturday, July 18, 2009

मजिस्ट्रेट के खिलाफ राजस्थान विधानसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव।


आफ्टर 8 पीएम, नो सीएम मुद्दे पर कांग्रेस विधायक रघु शर्मा के खिलाफ वारंट जारी करने वाले बाड़मेर के निलंबित मजिस्ट्रेट हरिकिशन गोस्वामी के खिलाफ लाए गए दो विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव विधानसभा की समिति को सौंप दिए गए हैं। अब यह विशेषाधिकार समिति पूरे मामले की जांच करेगी। समिति मजिस्ट्रेट को सुनवाई के लिए बुला सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह राजस्थान विधानसभा के इतिहास में अपनी तरह का पहला मामला होगा। भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी द्वारा शुक्रवार को शून्यकाल में यह मामला उठाने के बाद अध्यक्ष दीपेन्द्रसिंह शेखावत ने बताया कि पांच विधायकों की ओर से मिले दो प्रस्ताव समिति को सौंप दिए गए हैं। प्रस्ताव लाने वालों में सरकारी मुख्य सचेतक वीरेन्द्र बेनीवाल, भाजपा के सचेतक राजेन्द्रसिंह राठौड़, माकपा के अमराराम, पेमाराम और भाजपा के डॉ. विश्वनाथ मेघवाल शामिल हैं। जबकि सुरेन्द्रसिंह जाड़ावत की अध्यक्षता वाली विशेषाधिकार हनन समिति में रीटा चौधरी, गोपाल मीणा, सज्जन कटारा, शंकरलाल बैरवा, ओम जोशी, कैलाश भंसाली, विट्ठल अवस्थी, डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, चंद्रकांता मेघवाल और प्रोमिला कुंडारा हैं।
इस बीच हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट को निलंबित कर दिया है। साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। विधायक को वारंट की तामील कराए जाने पर अपीलीय अदालत ने रोक लगा दी है।

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