पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, July 30, 2009

संगरिया सब-रजिस्ट्रार अवमानना मामले में हाइकोर्ट में तलब।


राजस्थान उच्च न्यायालय ने संगरिया के उप-पंजीयक (मुद्रांक एवं पंजीयन) को अवमानना के मामले में नोटिस जारी किया है। उनके साथ पीलीबंगा के कृषक रामकुमार बिश्नोई तथा गिरदावरीदेवी पत्नी सुरेंद्र बिश्नोई को भी अवमानना नोटिस भेजकर 30 जुलाई को हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट के अधिवक्ता रमनदीपसिंह खरलिया ने बताया कि चक 10-केएसडी व छह-आईडीजी में 1.265 हेक्टेयर जमीन का विवाद चल रहा है। इस प्रकरण में एडीजे संगरिया के 9 जुलाई के फैसले के खिलाफ छह-आईडीजी रासूवाला निवासी रामेश्वरलाल ने 13 जुलाई को हाइकोर्ट में अपील की। अपील के संबंध में उसी दिन उपपंजीयक को लिखित सूचना दे दी गई। फिर भी उपपंजीयक ने 13 जुलाई की शाम जमीन के एक हिस्से का बेचाननामा गिरदावरीदेवी की तरफ से 10-केएसडी की रमादेवी व अन्य के नाम रजिस्ट्री कर दी। इसके बावजूद 15 जुलाई को आरोपियों के अधिवक्ता ने पेशी पर बेचान की जानकारी अदालत को नहीं दी, बल्कि बेचान नहीं करने का आश्वासन दिया। इसके अगले ही दिन 16 जुलाई को जमीन का एक और हिस्सा बेचकर रजिस्ट्री कर दी गई।



अधिवक्ता रमनदीपसिंह ने बताया कि 20 जुलाई को उन्होंने अदालत में अवैध बेचान व रजिस्ट्रीकरण के सबूत पेश करके तर्क दिया कि उक्त कृत्य न्यायालय की अवमानना की परिधि में आता है। उन्होंने बताया कि न्यायाधीश विनीत कोठारी ने तर्क से सहमत होते हुए बेचाननामे व रजिस्ट्रीकरण को अवैध ठहराया और सभी आरोपियों को अवमानना नोटिस जारी कर तलब किया है।

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