पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, July 20, 2009

पति की जायदाद में मुस्लिम विधावाएं को बराबर हक।


दक्षिण अफ्रीका की एक अदालत ने एक ऐतिहसिक फैसले में कहा है कि एक से अधिक विवाह करने वाले किसी मुस्लिम व्यक्ति की मौत हो जाने की स्थिति में उसकी सभी विधवाएं उसकी जायदाद में बराबर की हकदार होंगी। यहां की एक संवैधानिक न्यायालय के 11 न्यायाधीशों ने एकमत से मौजूदा कानून को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि व्यक्ति की मौत के बाद उसकी अन्य पत्नियों का उसकी संपत्ति में अधिकार नहीं होगा। पति के साथ रह रही पत्नी को ही संपत्ति का अधिकार दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि इस्लामिक कानूनों के मुताबिक एक व्यक्ति चार शादी कर सकता है।

अदालत ने बुधवार को फातिमा हसन नाम की एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। दरअसल फातिमा (62) के पति ने दक्षिण अफ्रीका में एक दूसरी शादी कर ली थी। पति की मौत के बाद उन्हें जायादाद में कुछ भी हिस्सा नहीं मिला। इसके बाद ‘मुस्लिम यूथ मूवमेंट’ और ‘वूमेनस लीगल सेंटर’ नाम की संस्थाओं की मदद से फातिमा ने न्यायालय में गुहार लगाई। फातिमा की शादी 36 वर्ष पहले हुई थी। वर्ष 2002 में जब वह हज करके लौटीं तो उन्हें पता चला कि उनके पति ने दूसरी शादी की है। वह कहती हैं, ‘मैनें अपने पति के काम में हमेशा मदद की। उनके नाम से दो सुपरमार्केट थीं जिन्हें दूसरी पत्नी को दे दिया गया।’

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