पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Sunday, July 5, 2009

राजस्थान उच्च न्यायालय ने ज्वाइन नहीं करवाने पर वारन्ट जारी करने के आदेश दिये।


उच्च न्यायालय की अवमानना के एक मामले में कार्रवाई नहीं होने पर पूर्व शिक्षा सचिव के विरुद्ध जमानती वारंट जारी करने की तैयारी की जा रही है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में इस सूचना से हड़कंप मचा हुआ है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर कार्यग्रहण नहीं करवाने पर शिक्षिका मंजू भटनागर ने जोधपुर उच्च न्यायालय में विभाग के उच्चधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय में शुक्रवार को प्रकरण की सुनवाई थी। इस दौरान शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी वहां उपस्थित नहीं हो सका।

फैसले के बाद भी शिक्षिका को कार्यग्रहण नहीं करवाने पर न्यायालय ने नाराजगी जताई। शिक्षिका के वकील ने पूर्व शिक्षा सचिव वीनू गुप्ता के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने की मांग। जब न्यायालय को यह बताया गया कि राज्य सरकार ने शिक्षिका के मामले में पालना स्वीकृति जारी कर दी है तो वारंट एकबारगी रोक लिया गया। न्यायालय ने पालना स्वीकृति प्रस्तुत करने के लिए विभाग को सोमवार तक का समय दिया है। शिक्षा विभाग के जोधपुर और बीकानेर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में इसे लेकर हड़कंप मचा हुआ है।

जोधपुर डीईओ (विधि) इस प्रकरण से ही अनभिज्ञ थे। वहां से बार-बार बीकानेर कार्यालय से दूरभाष पर प्रकरण की जानकारी मांगी जा रही थी। पालना रिपोर्ट और जवाब पेश करने के लिए डीईओ बीकानेर आर.के.सिंह अब रविवार को शिक्षिका मंजू भटनागर की पत्रावली लेकर जोधपुर जाएंगे। डीईओ प्रारंभिक कार्यालय का विधि अनुभाग शनिवार अवकाश के दिन भी पत्रावली तैयार करने में लगा रहा।



0 टिप्पणियाँ: