पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Sunday, August 9, 2009

हाईकोर्ट बैंच आंदोलन, संभाग भर में बद को मिला जन समर्थन।


उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की मांग को लेकर शुक्रवार को आहुत संभाग बंद को लेकर संभाग भर में बद की सफलता के लिए बैठकों का आयोजन किया गया। बंद को विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ ही व्यापारी व श्रम संगठनों का भी पूरा समर्थन मिलने से बंद के स्वत: स्फूर्त सफल रहने की पूरी संभावना है। इधर राजसमंद में आज वकीलों ने मांग को लेकर मशाल जुलूस निकाला। उदयपुर में हाईकोर्ट खण्डपीठ की मांग को लेकर सम्भाग स्तरीय संघर्ष समिति के आह्वान पर शुक्रवार को राजसमन्द बंद का आह्वान किया गया है। बंद को कई संगठनों ने समर्थन दिया है। बंद को सफल बनाने के लिए गुरुवार को बार भवन में संघर्ष समिति के सम्भागीय अध्यक्ष जयकृष्ण दवे की अध्यक्षता, नगरपालिका अध्यक्ष अशोक रांका के मुख्य आतिथ्य एवं पालिका में प्रतिपक्ष के नेता चुन्नीलाल पंचोली, नगर कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सनाढ्य व गोपाल पालीवाल के विशिष्ट आतिथ्य में हुई आमसभा में एक मत से आंदोलन को हर तरह से समर्थन करने का संकल्प लिया गया। प्राइवेट बस युनियन के मुन्ना अग्रवाल, जगदीश पालीवाल ने कहा कि प्रयास करेंगे कि प्राइवेट बसों का संचालन न हों। मार्बल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष व नगर कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सनाढ्य ने कहा कि बंद में मार्बल ट्रेडर्स भी पूरा सहयोग करेंगे तथा व्यवसाय बंद रखेंगे।
प्राइवेट बस स्टेण्ड ऑनर्स एसोसिएशन, केमिस्ट एसोसिएशन, मार्बल ट्रेडर्स एसोसिएशन, नगर कांग्रेस, भाजपा, नगरपालिका राजसमन्द, व्यापार प्रकोष्ठ, लोक अधिकार मंच, महिला मंच, टेक्स बार, उपभोक्ता मार्गदर्शन सोसायटी वॉईस राजसमन्द, होटल एसोसिएशन, एनएसयूआई, एबीवीपी, विद्यार्थी सेना, पंचायत समिति राजसमन्द आदि संस्थाओं ने बंद को समर्थन दिया है। 
उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच की स्थापना की मांग को लेकर चल रहे आन्दोलन के तहत राजसमन्द बार एसोसिएशन ने गुरूवार शाम को शहर में मशाल जुलूस निकाला। जुलूस पुरानी कलेक्ट्री से प्रारंभ हुआ जो शहर के मुख्य मार्गों एवं बाजारों से होता हुए मुखर्जी चौराहा पहुंच सम्पन्न हुआ। जुलूस में अधिवक्ता हाथों में मशाल लिए नारेबाजी कर रहे थे।

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