पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, October 19, 2009

जिन पर ईज्जत की रक्षा की जिम्मेदारी थी उन्होनें ही किया रिश्तो को तार-तार।


जिस पिता,भाई और चाचा पर मुझे दुनिया की बुरी नजर से बचाए रखने की जिम्मेदारी थी उन्होंने ही मेरी इज्जत लूट ली। जी हां 14 साल की रेखा(बदला हुआ नाम) शायद आज यही सोच रही होगी । ब्रिटेन के कारडिफ क्राउन कोर्ट ने अपने ही परिवार के एक सदस्य के साथ लगातार कई वर्षों तक बलात्कार करने के जूर्म में पीड़ित के सौतेले पिता,सौतेले चाचा और सौतेले भाई को सजा सुनाई है। यह वाकया है ब्रिटेन में रहने वाले एक भारतीय परिवार का।

रेखा अपने सौतेले पिता,सौतेले चाचा, सौतेले भाई और मां के साथ ब्रिटेन में बचपन से रहती थी। कोर्ट में पीड़ित की वकील ने यह बताया कि रेखा के परिवार के इन तीनों सदस्यों ने उससे तब से रेप करना शुरू किया जब वो केवल 5 साल की थी। इन लोगों ने लगातार उसका शारीरिक शोषण किया। इस बीच वो कई बार गर्भवती भी हुई। 14 साल की उम्र में आज वो अपने चाचा के बच्चे की मां बन चुकी है। रेखा ने कोर्ट को बताया की वो जब कभी भी प्रेगनेंट होती थी तो उसे घरवाले कहीं बाहर नहीं जाने नहीं देते थे साथ ही पड़ोसियों की नजर से छुपाने के लिए उसे अलमारी तक में बंद कर देते थे।

रेखा ने कोर्ट में बताया कि जब उसने एक बच्चे को जन्म दिया तब पड़ोसियों ने पुछा कि बच्चा किसका है। तब रेखा की मां ने उन्हे बताया कि यह बच्चा उनका है। रेखा के मुताबिक उसकी मां उसे लगातार मारती-पीटती थी। जब मां को पहली बार इस बात का अहसास हुआ कि मैं प्रेगनेंट हूं तब उसने मुझे काफी मारा-पीटा और मुझसे पुछा कि ये बच्चा किसका है और जब मैने उन्हे बताया कि ये बच्चा इसी परिवार के एक सदस्य का है तो वो फिर मुझे मारने लगी। वो इस बात को मानने को तैयार नहीं थी कि मेरे सौतेले पिता,सौतेले चाचा और सौतेले भाई मेरे साथ इस प्रकार की हरकत कर सकते हैं।

कोर्ट ने रिश्तों का कत्ल करने वाले इन तीनों लोगों को सजा सुनाई है। कोर्ट ने सौतेले पिता और सौतेले चाचा को जहां 20 साल की सजा सुनाई है वही सौतेले भाई को 12 साल की जेल दी है।कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा की इन लोगों ने रिश्तों को कलंकित तो किया ही है साथ ही घर की लड़की को एक वेश्या की तरह प्रयोग किया।

कोर्ट के मुताबिक इन लोगों की सजा पूरी होने के बाद इन्हे भारत भेज दिया जाएगा। क्योंकि अगर ये लोग ब्रिटेन में रहते हैं तो इससे यहां के समाज पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।


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