पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, October 27, 2009

वकीलों के लिए प्रैक्टिस से पहले ट्रेनिंग पर विचार-वीरप्पा मोइली


आने वाले दिनों में विधि स्नातक कालेज से निकलते ही सीधे कोर्ट में वकालत शुरु नहीं कर पाएंगे। इसके लिए उन्हें पहले किसी वरिष्ठ अधिवक्ता के अंडर में एक साल की अप्रेंटिसशिप करना आवश्यक होगी। इसके बाद वह बार कौंसिल में पंजीकरण करा अदालतों में वकालत कर सकेंगे।

विधि मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा है कि वह एडवोकेट एक्ट, 1961 में संशोधन करवाएंगे ताकि प्री रजिस्ट्रेशन अप्रेंटिसशिप के प्रावधान को बहाल किया जा सके। यह बात उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार के संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कही। वैसे इस प्रावधान को बहाल करने की मांग सुप्रीम कोर्ट से ही आई है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज तथा मुख्य न्यायाधीश इन वेटिंग जस्टिस एसएच कपाड़िया ने कहा कि वैश्विक अर्थ व्यवस्था और प्रतिस्पर्धा के दौर में दक्ष प्रोफेशनलों की आवश्कता है।

वकीलों को अर्थ व्यवस्था, निवेश प्रणाली और वित्तीय मसलों की जानकारी होना आवश्यक है। क्योंकि ये चीजें हर क्षेत्र पर प्रभाव डाल रही हैं। लेकिन देखा जा रहा है कि कुछ वकीलों को छोड़कर अधिकतर वकील इससे वाकिफ नहीं हैं। उन्होंने बार कौंसिल से कहा कि वह वकालत की पढ़ाई में अर्थव्यवस्था के अध्याय भी जोड़े। आने वाले दस वर्ष इसी व्यवस्था को समर्पित हैं। इस दौरान देश की अर्थव्यवस्था तरक्की करेगी और इससे जुड़े मुकदमे कोर्ट में आएंगे।

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