पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, October 30, 2009

वकील ने किया कोर्ट को गुमराह।


जेल में बंद अभियुक्त की जमानत के लिए पेश अर्जी में तथ्य छुपा कर अदालत को गुमराह करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए सेशन अदालत ने गुरुवार को एक वकील को नोटिस जारी किया है। मामला सेशन अदालत में वकील गणोश जोशी की ओर से अभियुक्त श्रीगंगानगर पुरानी आबादी निवासी हीरालाल पुत्र पन्नालाल की जमानत के लिए पेश की गई अर्जी से जुड़ा है। जोशी ने अर्जी में यह जानकारी नहीं अंकित की कि अभियुक्त की जमानत के लिए पहले सेशन और बाद में हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई गई थी, जो कि खारिज हो गईं। अदालत की कार्रवाई के दौरान ही हाईकोर्ट में पूर्व में अभियुक्त की खारिज की गई जमानत अर्जी के आदेश भी आ गए।

कार्यवाहक सेशन जज सुशीलकुमार बागड़ी ने आदेश में उल्लेख किया है कि पूर्व में लगाई गई जमानत अर्जी का हवाला नहीं देना व्यावसायिक दुराचरण के साथ अदालत को गुमराह करने की श्रेणी में आता है, क्यों नहीं इस मामले में बार कौंसिल को कार्रवाई के लिए चिट्ठी लिखी जाए। मालूम हो कि अभियुक्त हीरालाल एक मामले में 13 साल से फरार चल रहा था। उसे पुलिस ने इसी महीने गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

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