पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Saturday, October 24, 2009

पेंशन नहीं देने पर सचिव न्यायिक हिरासत में ।


इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कोर्ट द्वारा पारित आदेश का पालन न करने एवं गलत शपथपत्र प्रस्तुत करने को गंभीरता से लेते हुए सिंचाई विभाग के सचिव एम.ए.ए. खान को कुछ समय के लिए न्यायिक हिरासत में लेने का मौखिक आदेश दिया। उन्हें सजा दिए जाने के मामले पर सुनवाई शनिवार को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति डी. पी. सिंह ने सिंचाई विभाग में कार्यरत सहायक अभियन्ता की पत्नी कविता कुमार की अवमानना याचिका पर पारित किया।

याचिका के अनुसार, कविता का पति सिंचाई विभाग में सहायक इंजीनियर के पद पर कार्यरत था। उसके निधन के बाद जब पेंशन का भुगतान नहीं किया गया तब हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। कविता के अधिवक्ता को सुनने के बाद न्यायालय ने उन्हें पेंशन का ब्याज सहित भुगतान करने का निर्देश दिया था। विभाग की तरफ से पेंशन भुगतान को लेकर दाखिल अलग-अलग शपथपत्रों में अलग-अलग जानकारी दी गई थी एवं पूरी धनराशि का भुगतान नहीं किया गया। इसपर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट के आदेश पर सिंचाई विभाग के सचिव कोर्ट में उपस्थित थे। कुछ समय के लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया गया था। आगे की सुनवाई शनिवार को होगी।

अब तक के ऐसे मामले : इसके पूर्व भी न्यायालय ने अवमानना मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनिरुद्ध पाण्डे एवं इलाहाबाद में शिक्षा विभाग में तत्कालीन डीडीआर श्रीमती माया निरंजन को भी सजा सुनाई थी। बाद में अपील पर इसी न्यायालय की खण्डपीठ ने उस आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा पूर्व में अवमानना मामले में कई वकीलों को भी सजा सुनाई जा चुकी है।

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