पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, November 17, 2009

44 डीएसपी की नियुक्तियां रद्द।


छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पीएससी द्वारा वर्ष 2005 की परीक्षा के माध्यम से चयनित 44 डीएसपी की नियुक्ति निरस्त कर दी है। जस्टिस एसके अग्निहोत्री की सिंगल बेंच ने सोमवार को दिए फैसले में कहा कि पीएससी ने परीक्षा गलत नियमों के आधार पर ली है, इसलिए मेरिट लिस्ट के आधार पर नए सिरे से भर्ती प्रकिया की जाए।

पीएससी ने वर्ष 2005 में प्रदेश में डीएसपी नियुक्त करने के लिए परीक्षा ली थी। इसके लिए तय आयुसीमा के नियम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसमें याचिकाकर्ता अहिल्या मिश्रा, संदीप अग्रवाल व अन्य ने वकील प्रतीक शर्मा के माध्यम से याचिका दायर कर कहा कि जून 2005 में राज्य शासन ने पुलिस सेवा राजपत्रित भर्ती नियम में संशोधन किया था।

इसके अनुसार आयु सीमा में संशोधन कर डीएसपी की परीक्षा के लिए न्यूनतम आयु 21 व अधिकतम 28 वर्ष तय की गई। महिलाओं को इसमें 10 वर्ष की छूट दी गई।

यह नियम लागू होने के बाद पीएससी ने परीक्षा ली, लेकिन आयुसीमा संबंधी प्रावधानों का पालन नहीं किया। पीएससी ने पुराने नियम के अनुसार ही परीक्षा ले ली जिसमें आयु सीमा 21 से 25 साल थी और महिलाओं के लिए छूट का भी प्रावधान नहीं था।
इस कारण मेरिट लिस्ट में ऊपर होने के बाद भी याचिकाकर्ताओं को डीएसपी के पद पर नियुक्ति नहीं मिल पाई। याचिकाकर्ताओं ने चयन सूची निरस्त कर मेरिट लिस्ट के आधार पर नए सिरे से नियुक्ति करने की मांग की थी। शासन ने कोर्ट को प्रस्तुत अपने जवाब में कहा था कि उसने पीएससी को नियम की जानकारी दे दी थी, फिर भी उसने गलत नियम के अनुसार परीक्षा ली। पिछली बार सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर दिया था।

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