पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, November 26, 2009

छेड़छाड़ करने वाले युवकों की याचिका नामंजूर


जेएनयू कैंपस में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपी चार युवकों की जमानत याचिका अदालत ने नामंजूर  कर दी हैं। पटियाला हाउस स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविन्द्रा सिंह की अदालत ने आरोपी नीतिन कपूर, गगन कुमार, अंकित नंदा और अमित चौहान की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मामला जांच के प्रथम चरण में है और पीड़ितों के बयान दर्ज होने की प्रक्रिया जारी है।

ऐसे में आरोपियों को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता। वहीं, अदालत ने चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकीलों का कहना था कि छेड़छाड़ का आरोप जमानती अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए उनके मुवक्किलों को जमानत पर रिहा कर दिया जाए। जिसका विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि पुलिस पीड़ित छात्रओं के बयान दर्ज कर रही है। लिहाजा ऐसे में आरोपियों को जमानत पर छोड़े जाने से जांच प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। उल्लेखनीय है कि युवकों को रविवार को शराब पीकर लड़कियों के साथ जेएनयू कैंपस में छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों द्वारा कैंपस में छेड़छाड़ करने पर छात्रों ने विरोध किया। पुलिस ने हंगामा शांत करने के लिए लाठीचार्ज व आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे।

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