पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Sunday, November 29, 2009

नाबालिग की शादी अमान्य करार


पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसले में 18 वर्ष से कम उम्र की एक लड़की की शादी को ‘अमान्य' करार दिया और लड़के को सुरक्षा देने से इंकार कर उसे ‘भगोड़ा' कहा।
न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन ने शुक्रवार को दिए अपने फैसले में उन लोगों के खिलाफ कानूनन ‘उपयुक्त कार्रवाई' करने को कहा जो ‘इस मामले में बाल विवाह कराने के जिम्मेदार हैं।' अदालत ने विवाह कराने वाले पुरोहित के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश दिया।
पंजाब के पटियाला जिले के पातरां शहर की 16 वर्षीय लड़की और एक बालिग लड़के ने इस वर्ष 21 अक्तूबर को मोहाली के गुरु नानक गुरुद्वारे में शादी की थी। शादी के लिए लड़की के परिजन राजी नहीं थे और यह अंतरजातीय विवाह था।
लड़की के पिता ने 21 अक्तूबर को पातरां पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनके पड़ोस का एक लड़का ‘उनकी लड़की को शादी की नीयत से बहला फुसला कर ले गया है। इसमें लड़के की मां जसबीर कौर और पिता लक्खा सिंह की भी मिलीभगत है।' युगल ने शादी के छह दिन बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दी और लड़की के अभिभावकों की ओर से कथित तौर पर मिल रही धमकी के कारण सुरक्षा की मांग की।
न्यायमूर्ति जैन ने दोनों की शादी को बाल विवाह निरोधक अधिनियम 2006 के तहत ‘अमान्य' करार दिया।

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