पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, November 20, 2009

‘दूसरी पत्नी’ भी अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त कर सकती है।।


उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद यदि उसकी पहली पत्नी को कोई आपत्ति नहीं है तो उसकी दूसरी पत्नी को भी सरकारी नौकरी में अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार है। हिंदू विवाह अधिनियम के तहत एक व्यक्ति एक शादी को निभाते हुए केवल एक ही पत्नी रख सकता है और दूसरी शादी आईपीसी की धारा 494 और हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 17 के तहत अपराध होगी, जिसमें सात साल तक के कड़े कारावास की सजा दी जा सकती है।

न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू और न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की पीठ ने कर्नाटक सरकार की एक अपील को खारिज करते हुए कहा कि जब दोनों पत्नी राजी हो गई हैं तो आप आपत्ति करने वाले कौन होते हैं। यदि एक पत्नी अनुकंपना नियुक्ति चाहती है और दूसरी मुआवजे संबंधी लाभ चाहती है तो आपको क्या परेशानी है।

पीठ ने राज्य सरकार द्वारा कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक निर्देश को चुनौती देते हुए दाखिल की गई याचिका पर आदेश जारी किया। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया था कि आर्म्ड रिजर्व फोर्स में हैड कांस्टेबल जी. हनुमंत गोड़ा की दूसरी पत्नी लक्ष्मी की नियुक्ति पर विचार किया जाए।

दूसरी पत्नी लक्ष्मी की तरफ से वकील एम. कमरुद्दीन अदालत में आए। शीर्ष न्यायालय ने राज्य सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत एक शादी के दौरान किसी शख्स की दो पत्नियाँ नहीं हो सकतीं, इसलिए तथाकथित दूसरी पत्नी केवल पहली पत्नी के साथ सुलह करके नियुक्ति के अधिकार पर दावा नहीं कर सकती।

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