पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, November 2, 2009

दिनकरन फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जज नहीं।


भूमि पर कब्जा करने के आरोपों का सामना कर रहे कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पीडी दिनाकरन की पदोन्नति के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रभावी रोक लगा दी है जबकि पदोन्नति के लिए केंद्र के पास चार अन्य न्यायाधीशों के नाम को हरी झंडी दे दी गई है।

प्रधान न्यायाधीश केजी बालकृष्णन ने अखिल भारतीय केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने कहा कि हमने सिर्फ इतना कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए चार अन्य न्यायाधीशों के नाम पर विचार किया जाए।
    
न्यायमूर्ति बालकृष्णन ने कहा कि पदोन्नति के लिए न्यायमूर्ति दिनाकरन का नाम हटाने पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। इस समय पदोन्नति के लिए चार अन्य न्यायाधीश के साथ सिर्फ उनके नाम को अलग कर दिया गया है। दिनाकरन के नाम को हटा दिए जाने के संबंध में मीडिया में आई खबरों के बारे में पूछे जाने पर सीजेआई ने पहले सिर्फ इतना कहा, नहीं, नहीं। बाद में उन्होंने कहा कि हमने अब तक कोई फैसला नहीं किया है।

मीडिया से बातचीत के अनिच्छुक दिखे न्यायमूर्ति बालकृष्णन ने कहा कि सरकार से चार अन्य न्यायाधीशों के नाम पर विचार करने को कहे जाने के फैसले का अर्थ है कि दिनाकरन के नाम को फिलहाल इस चरण में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति से अलग कर दिया गया है। सीजेआई की अध्यक्षता वाले पांच न्यायाधीशों वाले कालेजियम ने पहले दिनाकरन, एके पटनायक, टीएस ठाकुर, एसएस निज्जर और केएस राधाकृष्णन के नाम को हरी झंडी दी थी। ये न्यायाधीश क्रमश: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट, कलकत्ता हाई कोर्ट और गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं।
   

1 टिप्पणियाँ:

Anonymous said...

Thanks for nice info share.

best regards.
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