पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, November 12, 2009

दूसरी शादी कर, पहली बीबी से पिटा बूढ़ा प्रोफेसर



अपनी शिष्या से प्रेम-प्रसंग को लेकर बिहार का मटुकनाथ बेशक हाल ही में चर्चा मे आया हो, लेकिन दिल्ली के एक प्रोफेसर साहब तो करीब एक दशक पहले ही इस तरह की प्रेम कहानी को अंजाम दे चुके हैं। प्रोफेसर ने अपनी बेटी की उम्र की लड़की से दूसरी शादी की है। जिसके लिए प्रोफेसर महोदय सरेराह पहली पत्नी से पिटे भी। मगर इसे संयोग ही कहेंगे कि यह मामला उस समय चर्चा में नहीं आ पाया।

9 साल पुराने इस मामले में पटियाला हाउस स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वीना रानी की अदालत ने 61 वर्षीय सेवानिवृत प्रोफेसर के खिलाफ पहली पत्नी के जिंदा रहते दूसरा विवाह करने एवं पहली पत्नी के जमा पूंजी का गबन करने एवं आपराधिक साजिश रचने के इल्जाम में आरोप तय कर दिए हैं।

आरोप-पत्र के मुताबिक प्रोफेसर राहुल(बदला हुआ नाम) की शादी उमा (बदला हुआ नाम) के साथ वर्ष 1985 में हुई थी। उमा को 7 जून 2000 को पता चला की प्रोफेसर साहब ने न सिर्फ 18 साल की एक लड़की से दूसरी शादी कर ली है, बल्कि दूसरे विवाह से उन्हें एक बेटा भी है। रिश्तों के बिखरने से हताश पहली पत्नी ने पति की दूसरी शादी और दूसरी शादी से जन्में बच्चे के जन्म से संबंधित साक्ष्य एकत्रित किए। एक मौका ऐसा भी आया जब उमा ने राहुल की जमकर धुनाई भी की। उमा का आरोप है कि दूसरी शादी से एक महीना पहले ही राहुल ने एचडीएफसी बैंक से करीब 8 लाख रुपए होम लोन लिया था। राहुल और उसकी दो बहनों ने मिलकर उसे डेढ़ लाख रुपये ऋण लेने के लिए उमा को मजबूर किया।

पहली पत्नी द्वारा पेश सबूतों को अहम मानते हुए अदालत ने कहा है कि यह साबित होता है कि शिकायतकर्ता को पति की दूसरी शादी के बाद मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। अदालत ने राहुल के खिलाफ पहली पत्नी से धन और संपत्ति छीनने के लिए जालसाजी व धोखाधड़ी करने एवं उसकी दो बहनों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने के इल्जाम के तहत आरोप तय किए हैं।

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