पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, December 23, 2009

मनमोहन की नियुक्ति वैधता याचिका खारिज,याची पर 10 हजार रूपये हर्जाना।


इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मनमोहन सिंह की प्रधानमंत्री पद पर नियुक्ति की वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका याची को 10 हजार रूपये हर्जाना अदा करने के आदेश देने के साथ खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एस.पी. मेहरोत्रा एवं न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खण्डपीठ ने यह निर्णय अवकाश प्राप्त मेजर एस.एन. त्रिपाठी की जनहित याचिका पर पारित किया। पूर्व में खण्डपीठ ने फैसला सुरक्षित कर लिया था जिसे न्यायमूर्ति अनिल कुमार ने सुनाया। याची का कहना था कि मनमोहन सिंह ने जब प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया वह समय कानूनी प्रावधानो के खिलाफ था। क्योकि संसद भंग होने और गठित होने के बीच अंतर था।
उधरकेन्द्र सरकार की ओर से अधिवक्ता आर.पी. शुक्ल ने याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि यह याचिका महज सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए दायर की गयी है।

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