पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, December 10, 2009

आपराधिक छवि वालों को पुलिस में नौकरी नहीं: सुप्रीम कोर्ट


सुप्रीम कोर्ट ने अपराधिक मामलों में लिप्त पाए जाने वाले व्यक्तियों को राजस्थान पुलिस विभाग में कांस्टेबल सहित किसी भी पद पर नियुक्ति के लिए अयोग्य करार दिया है और इस संबंध में राजस्थान सरकार द्वारा 1995 में जारी किए गए परिपत्र को वैध माना है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को यह महत्वपूर्ण फैसला राजस्थान राज्य बनाम मोहम्मद सलीम सिविल अपील मामले पर दिया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने 24 अप्रेल, 1995 को एक परिपत्र जारी कर उपद्रव और अन्य आपराधिक मामलों में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में लिप्त व्यक्तियों को पुलिस विभाग में नियुक्ति के लिए अयोग्य करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को उपर्युक्त मामले में अंतिम सुनवाई कर भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 324, 325, 326, 302, 307 के अंतर्गत आपराधिक मामलों में लिप्त व्यक्तियों को पुलिस विभाग में कांस्टेबल सहित किसी भी पद पर नियुक्ति के लिए अयोग्य ठहराने संबंधी राजस्थान सरकार के परिपत्र को वैध माना। इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता डॉ. मनीष सिंघवी ने पैरवी की।

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