पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, December 18, 2009

हिंदू मैरिज एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती


हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13बी की वैधानिकता को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। इस धारा के मुताबिक पत्नी को तलाक का मामला पेश करने के लिए पति की सहमति लेना आवश्यक है।

चीफ जस्टिस केजी बालकृष्णन की अगुवाई वाली बेंच ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी स्मृति शिंदे की याचिका पर नोटिस जारी किया है। कोर्ट में पेश स्मृति के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि तलाक मांगने के महिला के अधिकार को पति की सहमति पर निर्भर करना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत महिला को मिले मौलिक अधिकारों का हनन है। स्मृति ने इससे पहले आपसी सहमति से तलाक का आवेदन किया था, लेकिन सुनवाई के दौरान उनके पति ने अपनी अनुमति वापस ले ली थी। इस आधार पर निचली कोर्ट ने स्मृति को तलाक देने से इनकार कर दिया था। बांबे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बहाल रखा।

याचिका में कहा गया है कि शादी के बाद अपने पति के साथ मानसिक और भावनात्मक रूप से तालमेल नहीं बिठा पा रही किसी महिला को कानून उसी विवाह बंधन में बंधे रहने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।

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