पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, December 23, 2009

चार्जशीट के आधार पर अग्रिम जमानत से इनकार नहीं-सुप्रीम कोर्ट


सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केवल पुलिस के आरोपपत्र में किसी व्यक्ति को आरोपित किए जाने के आधार पर अदालत उसे अग्रिम जमानत देने से इनकार नहीं कर सकती। न्यायाधीश तरूण चटर्जी और न्यायाधीश सुरिंदर सिंह की खण्डपीठ ने जयपुर के रविन्द्र सक्सेना के मामले में यह फैसला सुनाया।

सक्सेना पर प्रोपर्टी डीलर करण सिंह ने आरोप लगाया था कि वर्ष 2007 में अनुबन्ध पर हस्ताक्षर करने के बाद भी उन्हें फ्लैट नहीं बेचा गया था। सिंह ने सक्सेना के पिता और मां के खिलाफ भी धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। जयपुर की एक अदालत ने एक बार व राजस्थान हाईकोर्ट ने दो बार सक्सेना की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।

राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत नहीं दिए जाने पर खण्डपीठ ने कहा कि हमारे विचार से हाईकोर्ट ने कानून के अनुसार बड़ी गलती की है। न्यायालय ने मामले की परिस्थितियों को नहीं समझा। हाईकोर्ट को परिस्थितियों और तथ्यों की जांच कर विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने अंतत: सक्सेना को 15 दिसम्बर को जमानत दे दी। जमानत सन्बन्धी फैसला शनिवार शाम जारी किया गया था। खंडपीठ ने फैसला अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के तहत सुनाया।

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