पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, December 29, 2009

प्रमोशन व वरिष्ठता के लिए अधिकरण में जाएं : राजस्थान हाई कोर्ट


राजस्थान हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि राजकीय कर्मचारी अपने प्रमोशन, वरिष्ठता, स्थायीकरण, पेंशन व अन्य सेवा के मामलों में सीधे हाई कोर्ट नहीं आएं बल्कि राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण में अपील दायर करें। न्यायाधीश अजय रस्तोगी ने यह आदेश जयपुर निवासी कानसिंह की याचिका को खारिज करते हुए दिया।
न्यायाधीश ने आदेश में कहा कि राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण अधिनियम 1976 के तहत राज्य कर्मचारियों के सेवा संबंधी मामलों के निपटारे के लिए अधीकरण गठित किया गया है। इसलिए राज्य के कर्मचारियों को सेवा संबंधी मामलों के निपटारे के लिए हाई कोर्ट में आने से पहले अपीलीय अधिकरण में अपील दायर की जानी चाहिए। याचिका में सार्वजनिक निर्माण विभाग की वरिष्ठता के आधार पर सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता के पद पर की गई विभागीय पदोन्नति को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा कि पदोन्नति की प्रक्रिया सही नहीं है अप्रार्थी जीतेन्द्र कुमार को गलत पदोन्नति दी गई है, क्योंकि 21 पदों पर पदोन्नति होनी थी और उसमें तीन पदों पर एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को पदोन्नति दी जानी थी। लेकिन विभाग ने दो पदों पर ही एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को पदोन्नति दी है। यदि जीतेन्द्र कुमार को पदोन्नति नहीं दी जाती तो वह तीसरी जगह पर पदोन्नत होता। लेकिन न्यायाधीश ने याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता दी कि वह राहत के लिए अपीलीय अधिकरण में जाए।

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