पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, December 14, 2009

आरटीआई ऐक्ट के दायरे से बाहर हैं निर्वाचित प्रतिनिधि


केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने एक अहम फैसले में कहा है कि सांसद, विधायक और स्थानीय निकायों के सदस्यों सहित निर्वाचित प्रतिनिधि निजी तौर पर सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे से बाहर हैं।
आयोग ने हालांकि यह साफ कर दिया कि निर्वाचित प्रतिनिधियों की गतिविधियों से जुड़ी सूचनाएं उन निकायों जैसे संसद, राज्य विधानसभा या स्थानीय निकायों से प्राप्त की जा सकती है जिसके वे सदस्य हैं।

इससे संबंधित कई याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला और शैलेश गांधी की खंडपीठ ने कहा कि हमें यह निष्कर्ष निकालना होगा कि सांसद, विधायक, पार्षद और पंचायतों के सदस्यों को अपने आप में पब्लिक अथॉरिटी नहीं माना जा सकता। इसके बावजूद जिन संगठनों और समितियों के प्रति वे संविधान के तहत अपने दायित्वों का निर्वहन करते हैं, वास्तव में उन्हें पब्लिक अथॉरिटी के रूप में परिभाषित किया गया है। आवेदकों ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी सहित कई निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी मांगी थी।

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