पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, December 10, 2009

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा वेश्यावृत्ति रोक नहीं सकते तो उसे मंजूरी क्यों नहीं देते?


वेश्यावृत्ति रोक नहीं सकते तो उसे कानूनी मंजूरी क्यों नहीं देते? सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम सवाल केंद्र सरकार से पूछा है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि तमाम बंदिशों के बाद भी वेश्यावृत्ति पर रोक नहीं लग पा रही। चाइल्ड ट्रैफिकिंग से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान अदालत का ये नजरिया सामने आया। हालांकि सुप्रीमकोर्ट की इस टिप्पणी पर दो अलग-अलग राय है। कुछ लोगों की राय में वैधानिक मान्यता इसका समाधान नहीं है।

अदालत ने कहा कि आप इसे दुनिया का सबसे पुराना पेशा मानते हैं। इसलिए अगर कानून के जरिए इसे रोकना संभव नहीं तो इसे कानूनी मंजूरी ही दे दो। इस तरह कम से कम इस धंधे पर निगरानी तो रखी जा सकेगी। सेक्स वर्कर्स को पुनर्वास और चिकित्सकीय सुविधा देना आसान होगा। अदालत की इस टिप्पणी पर सॉलिसीटर जनरल ने भरोस दिलाया कि इस पर गौर किया जाएगा।

अदालत में ये बहस बचपन बचाओ आंदोलन की याचिका पर चल रही थी। सुनवाई के दौरान चाइल्ड सेक्स वर्कर्स का जिक्र आया और बहस इस दिशा में मुड़ गई। हालांकि एक बड़ा तबका इस धंधे को कानूनी मंजूरी दिए जाने के खिलाफ है।

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