पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, December 10, 2009

आसाराम बापू की प्राथमिकी रद्द करने की याचिका खारिज


गुजरात उच्च न्यायालय ने आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू की उस याचिका को आज खारिज कर दिया जिसमें उन पर हत्या के प्रयास के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी !
न्यायाधीश अकील कुरैशी ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि गोलीबारी की घटना हुई थी जिसका मुकदमा बनता है और न्यायालय पुलिस को इसकी जांच से रोक नहीं सकता !
पुलिस ने आसाराम बापू के आश्रम के पूर्व सचिव राजू चांडक की शिकायत पर आसाराम बापू और दो अन्य लोगों के खिलाफ धारा 307. 120 बी. 154 और उपधारा 25.1. के तहत मामला दर्ज किया था1 चांडक को पांच दिसम्बर की रात साबरमती इलाके में गोली मारी गई थी1 उन्होंने अगले दिन आध्यात्मिक गुरु के खिलाफ मामला दर्ज कराया था !
चांडक ने आश्रम के दो छात्रों दीपक और अभिषेक की मौत के मामले में आसाराम बापू के खिलाफ बयान दिया था !  इन दोनों छात्रों के शव उनके लापता होने के एक दिन बाद आश्रम के नजदीक साबरमती नदी में मिले थे !  इसके बाद आश्रम में कथित तांत्रिक गतिविधियों की खबरें सामने आईं जिसके बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए !
आसाराम बापू के वकील बी एम गुप्ता ने प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि चांडक की ईमानदारी संदेहजनक है क्योंकि उनसे आश्रम की सम्पत्ति हड़पने की कोशिश की थी ! उन्होंने कहा कि चांडक की हत्या की साजिश रचने में आसाराम बापू की संलिप्तता के कोई सबूत नहीं हैं !
सरकारी वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि चांडक की हत्या की साजिश रची गई थी और पुलिस को इसकी जांच करने से नहीं रोका जाना चाहिए ! उन्होंने कहा कि चांडक ने आश्रम में छात्रों की मौत के मामले की जांच कर रहे डी के त्रिवेदी आयोग के समक्ष आसाराम बापू और आश्रम के अन्य अधिकारियों के खिलाफ गवाही दी थी1 इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए चांडक पर हमले की साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता और इसलिए प्राथमिकी रद्द करने की याचिका को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए !

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