पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, January 7, 2010

राजस्थान न्यायिक सेवा भर्ती में अब महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण।


राजस्थान न्यायिक सेवा भर्ती में भी अब महिलाओं को अन्य राजकीय सेवाओं की तरह 30 फीसदी आरक्षण और आयु सीमा में छूट का लाभ मिलेगा। करीब सात साल से लम्बित नए न्यायिक सेवा नियमों को केबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी। इस निर्णय से अब राजस्थान न्यायिक सेवा व उच्चतर न्यायिक सेवा के एक ही नियम होंगे।

सूत्रों ने बताया कि नए न्यायिक सेवा नियमों में अनुसूचित जाति व जनजाति की खाली सीट तीन साल ही सुरक्षित रह सकेगी और आरक्षण 49 फीसदी से अधिक नहीं होगा। उच्च न्यायालय की वृहद पीठ ने सितम्बर 09 में नए आरजेएस नियमों के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग अभ्यर्थियों व महिलाओं को अधिकतम आयु सीमा में पांच साल की छूट देने व विधवा, परित्यक्ताओं के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 साल करने की हरी झण्डी दे दी थी, जिसे भी केबिनेट ने मंजूरी दे दी।

चालीस साल तक के राज्य सरकार, पंचायत समिति, जिला परिषद या सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी आरजेएस के लिए आवेदन कर सकेंगे। जितने साल आरजेएस की भर्ती नहीं होगी, अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में उतने साल की छूट मिलेगी। आयुसीमा गणना के बारे में भी बदलाव किया गया है। नए आरजेएस नियमों में अधिकारियों की भर्ती व पदोन्नति का कैलेण्डर तय कर दिया है।

पदोन्नति की व्यवस्था भी तय : आरएचजेएस के आधे पद आरजेएस में से पदोन्नति के आधार पर भरे जाएंगे, जिसके लिए अधिकारियों के फैसलों, उनकी एसीआर व डीजे की रिपोर्ट को देखा जाएगा। एक चौथाई पदों पर वकीलों की सीधी भर्ती की जाएगी तथा शेष एक चौथाई पदों के लिए पांच साल अनुभव वाले एसीजेएम की परीक्षा ली जाएगी। सूत्रों से जानकारी यह भी मिली है कि डीजे व एडीजे का कैडर भी अब 150 के बजाय 242 या 243 का होगा।

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