पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, January 5, 2010

अल्लाह शब्द पर सिर्फ मुस्लिमों का हक नहीं


कुआलालंपुर, मलेशिया की अदालत ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि ईसाई प्रकाशनों को भी ईश्वर के लिए 'अल्लाह' शब्द का इस्तेमाल करने का संवैधानिक अधिकार है। अदालत ने सरकार द्वारा देश के अल्पसंख्यकों के इस शब्द के प्रयोग पर लगाए प्रतिबंध को भी निरस्त कर दिया।

हाई कोर्ट ने यह आदेश गुरुवार को 'कैथोलिक वीकली हेराल्ड' अखबार की ओर से दायर मुकदमे की सुनवाई के बाद दिया। हेराल्ड को गृहमंत्रालय ने अल्लाह शब्द इस्तेमाल नहीं करने की शर्त पर अखबार प्रकाशित करने की अनुमति दी थी। सरकार की दलील थी कि गैर मुसलमानों के अल्लाह शब्द के प्रयोग करने से अशांति फैल सकती है।

सरकारी वकीलों ने कहा, इस फैसले के खिलाफ अपील करने से पहले वे गृह मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श करेंगे। अदालत द्वारा अल्लाह शब्द के इस्तेमाल पर सरकारी प्रतिबंध को खत्म करने के बाद हेराल्ड इस शब्द का इस्तेमाल कर सकेगा। जज ने अपने आदेश में कहा है कि संविधान में इस्लाम को देश का धर्म बताया गया है, लेकिन यह गृह मंत्री को इस शब्द का इस्तेमाल प्रतिबंधित करने का अधिकार नहीं देता है। आवेदक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के तहत अल्लाह शब्द का इस्तेमाल कर सकता है। पिछले साल 7 जनवरी को गृह मंत्रालय ने हेराल्ड के प्रकाशन की अनुमति अल्लाह शब्द इस्तेमाल न करने की शर्त पर दी थी। साथ ही मुख्य पृष्ठ पर लिमिटेड शब्द लिखने को कहा था। जिसका अर्थ था यह अखबार सिर्फ ईसाइयों के बीच वितरित होगा।

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