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Friday, January 29, 2010

न्यायालय के निर्णयाधीन एसटी से चुनाव लड़ सकते हैं नायक-राजस्थान हाई कोर्ट

राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह पंचायत चुनावों में नायक जाति की याचिकाकर्ता प्रत्याशियों को एसटी (अनुसूचित जनजाति) वर्ग से चुनाव लड़ने की अनुमति दें। कोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के निदेशक, टोंक जिला कलेक्टर, अजमेर जिला कलेक्टर,देवली के तहसीलदार व केकड़ी के तहसीलदार सहित अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।न्यायाधीश आर.एस.चौहान ने यह अंतरिम आदेश देवली तहसील निवासी विमला देवी नायक व केकड़ी तहसील निवासी बाली की याचिकाओं पर दिया। आदेश में कहा कि यदि याचिकाकर्ता प्रत्याशी चुनाव में विजयी होती हैं तो उनका चुनाव, मामले के निर्णय के अधीन रहेगा।

बाली ने याचिका में कहा कि 29 नवंबर 1979 की अधिसूचना के तहत एसटी वर्ग में आती है। उसने कुशावटा ग्राम पंचायत से एसटी वर्ग से सरपंच पद का चुनाव लड़ने के लिए केकड़ी तहसीलदार के यहां एसटी वर्ग का प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में आवेदन किया। लेकिन पटवारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार नायक जाति, एससी (अनुसूचित जाति) वर्ग में आती है।

पटवारी की रिपोर्ट पर तहसीलदार ने उसके आवेदन को निरस्त कर दिया और उसे एससी वर्ग का प्रमाण पत्र जारी किया। इसी तरह विमला देवी ने भी देवली तहसील की राजमहल ग्राम पंचायत से चुनाव लड़ने के लिए देवली के तहसीलदार के यहां एसटी वर्ग के प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया।

लेकिन तहसीलदार ने उसके आवेदन को निरस्त कर दिया। तहसीलदार द्वारा आवेदन को निरस्त करने की इस कार्रवाई को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। याचिकाओं में गुहार की गई कि उन्हें एसटी वर्ग का प्रमाण पत्र जारी करवाकर इस वर्ग से चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए। न्यायाधीश ने याचिकाओं पर सुनवाई कर राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता प्रत्याशियों को एसटी वर्ग से लड़ने की अनुमति दें।

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