पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, January 20, 2010

भ्रष्टाचारी न्यायाधीश को उम्रकैद


चीन के सर्वोच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश को लोक निधि में गबन और घूस में पाँच लाख अमेरिकी डॉलर से ज्यादा लेने के जुर्म में आज उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

एक समय चीन के सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट के उपाध्यक्ष रहे हुआंग सुआंगिओउ को लांगफांग इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट ने यह सजा सुनाई। भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाने वाले वे दूसरे शीर्ष चीनी अधिकारी हैं।

चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओं ने कम्युनिस्ट पार्टी की विरासत में सबसे बड़ी चुनौती भ्रष्टाचार को बताया था और इसके बाद बीजिंग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी। हुआंग की सजा इसी मुहिम का नतीजा है।

शिन्हुआ एजेंसी ने बताया कि 52 साल के हुआंग को 2005 से 2008 के बीच घूस में पाँच लाख 74 हजार अमेरिकी डॉलर लेने का दोषी पाया गया। उन्हें 1997 में लोक निधि से 12 लाख युआन के गबन का भी दोषी पाया गया। हुआंग 1997 में दक्षिण चीन के झानझियांग शहर के इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट के अध्यक्ष थे।

एजेंसी ने अपनी खबर में बताया कि जज ने फैसले में कहा जज ने जुर्म को कुबूला और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उनकी निजी संपत्ति को जब्त कर लिया गया है और उसके राजनीतिक अधिकारों को जीवनभर के लिए छीन लिया गया है।

1 टिप्पणियाँ:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

भाई आप दूसरे देशों की जुडीशियरी के लालीपाप चूसने को दे रहे हैं कभी ऐसा कोई किस्सा(या हकीकत) हमारे देश का भी सुनाएं तो दिल को सुकून मिलेगा। हमारे देश की जुडीशियरी तो वो हसीना है जिसे आइना दिखा दो तो नाराज हो जाती है और फिर उस हसीना की नाराजगी तो हमारे जैसे फटीचर क्या खाकर झेलेंगे.....