पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, January 18, 2010

अब न्यायालय आपके द्वार योजना।


अब आपको न्याय के लिए न्यायालय जाने की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी बल्कि आपको न्याय आपके घर के दरवाजे पर ही मिलेगा। लंबित मुकदमों में कमी लाने के लिए संभवतया पहली बार, महाराष्ट्र में मोबाइल कोर्ट शुरू किया जा रहा है। इस योजना से जु़डे अधिकारियों ने बताया कि मोटर दुर्घटना दावों सहित दीवानी व क्षतिपूर्ति संबंधी छोटे मामलों की सुनवाई के लिए यह मोबाइल वैन एक माह तक जिलों में जाकर प्रमुख कस्बों में शिविर लगाकर मुकदमों की सुनवाई करेगी और तुरंत फैसला सुनाएगी। राज्य विधि सेवा प्राधिकरण इस योजना की शुरूआत कर रहा है। प्राधिकरण के संरक्षक एवं कार्यकारी अध्यक्ष, बाम्बे हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जे एन पटेल यहां मुम्ब्रा में कल इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। ठाणे जिला विधि सहायता सेवाओं के प्रभारी अधिकारी त्रिम्बक कोचेवाड के अनुसार शुरू में प्रत्येक दिन करीब 195 मामलों की सुनवाई होगी।

0 टिप्पणियाँ: