पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, January 7, 2010

तलवार दंपति पर नारको की तलवार


सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को आरुषि के माता-पिता का नारको टेस्ट कराने की अनुमति दे दी। अदालत ने कहा कि नारको से पहले तलवार दंपती का चिकित्सीय परीक्षण कराया जाए। डाक्टरों की सलाह के बाद ही टेस्ट कराया जाए।

नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में सीबीआई ने अदालत में डा. राजेश तलवार और उनकी पत्नी डा. नूपुर का नारको टेस्ट के लिए अर्जी दाखिल की थी। इसको लेकर सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रीति सिंह की अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई थी। सीबीआई ने कहा था कि मामले की पुन: जांच हो रही है और नारको किए जाने से निश्चित रूप से नए तथ्य आने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार डा. तलवार दंपती की ओर से भी एक अर्जी अदालत में दाखिल की गई थी। जिसमें कहा गया था कि वे नारको के लिए तैयार हैं, लेकिन वे अस्थमा के मरीज हैं। इसलिए नारको से पूर्व उनका मेडिकल कराया जाए। कोर्ट ने मंगलवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को अदालत ने तलवार दंपती का नारको टेस्ट कराने की अनुमति दे दी।

ज्ञात हो कि नोएडा निवासी डा. राजेश तलवार की पुत्री आरुषि की उनके घर पर 15 मई, 2008 की रात्रि में हत्या कर दी गई थी। 17 मई को डा. तलवार के घरेलू नौकर हेमराज का शव भी घर की छत पर मिला था। एसटीएफ व नोएडा पुलिस ने आरुषि के पिता डा. राजेश तलवार को गिरफ्तार किया था। 29 मई को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। सीबीआई ने इस मामले में दूसरे नौकर कृष्णा, राजकुमार व विजय मंडल को गिरफ्तार कर लिया था। 12 जुलाई 2008 को सीबीआई द्वारा 90 दिन तक डा. राजेश तलवार के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किए जाने पर तकनीकी आधार पर अदालत ने उनको रिहा कर दिया था। बाद में इस प्रकरण की जांच पुन: कराने का निर्णय लिया गया। इसके लिए नई टीम का गठन किया गया।

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