पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, January 29, 2010

कड़कड़डूमा अदालत में देश का पहला ई-कोर्ट

कड़कड़डूमा कोर्ट में देश का पहला ई-कोर्ट शुरू होने जा रहा है। इसमें रोज होने वाली कार्यवाही की विडियो रिकार्डिग कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। इससे लोग घर बैठे कंप्यूटर पर मुकदमों की कार्यवाही देख-सुन सकेंगे। फरवरी के प्रथम सप्ताह से शुरू होने वाले ई-कोर्ट की बृहस्पतिवार को फाइनल टेस्टिंग की गई।

कड़कड़डूमा कोर्ट में 4 फरवरी से देश के पहले ई-कोर्ट शुरू करने की तैयारी कोर्ट प्रशासन ने पूरी कर ली है। इसमें कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय गर्ग सुनवाई करेंगे। उनकी अदालत में विचाराधीन सभी अपराधिक मामलों की सुनवाई इस ई-कोर्ट में होगी। इस अदालत में विचाराधीन 52 मुकदमों की फाइलों को स्कैन करके ई-कोर्ट के कंप्यूटर में डाल दिया गया है।

कोर्ट प्रशासन के अनुसार, ई-कोर्ट में सभी अपराधिक मामलों की सुनवाई अत्याधुनिक तकनीक विडियो फॉरमेट एमपी-4 के रूप में कंप्यूटर में दर्ज की जाएगी। इसमें होने वाले मुकदमों का कागजी रिकॉर्ड नहीं तैयार होगा। सभी फैसलों की विडियो रिकार्डिग क्लिप रोज इंटरनेट वेबसाइट पर डाली जाएगी। शुरुआती दौर में इसे केवल जजों को देखने के लिए ही उपलब्ध कराया जाएगा। बाद में लोग इसे घर बैठे कंप्यूटर पर देख सकेंगे।

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