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Tuesday, February 2, 2010

विधानसभाध्यक्ष नोटिस तामील नहीं तो कर देंगे फैसला-राजस्थान उच्च न्यायालय

बहुजन समाज पार्टी के छह विधायकों के कांग्रेस में दलबदल सम्बन्धी मामले में हाईकोर्ट की खण्डपीठ ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष, सचिव, सम्बन्धित विधायकों व मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि सामान्य प्रक्रिया के अलावा प्रतिवादियों को रजिस्टर्ड डाक से भी नोटिस भेजे जाएं। एक माह में तामील रसीद प्राप्त नहीं होगी, तो अपील का अंतिम निस्तारण प्रारम्भिक चरण में ही कर दिया जाएगा। न्यायाधीश एन.के.जैन एवं आर.एस.राठौड़ की खण्डपीठ ने यह अंतरिम आदेश बाड़ी(धौलपुर) निवासी अपीलकर्ता श्रीकृष्णा की विशेष अपील पर सोमवार को दिए।

अपीलकर्ता के अधिवक्ता हेमन्त नाहटा ने बताया कि एकलपीठ ने 18 दिसम्बर, 2009 को याचिका को खारिज कर दिया था। एकलपीठ ने संविधान की दसवीं अनुसूची के पैरा संख्या सात के आधार पर याचिका खारिज की थी। इसके तहत सरकार की ओर से कहा गया था कि विधानसभाध्यक्ष की ओर से जारी किसी भी आदेश को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।

सुप्रीम कोर्ट की एक व्यवस्था का हवाला देते हुए अपील में कहा गया है कि संविधान की दसवीं अनुसूची के पैरा संख्या सात को अविधिमान्य घोषित किया जा चुका है। उस व्यवस्था के आधार पर एकलपीठ का याचिका खारिज किया जाना पूर्णतया गलत है। अपील में बताया है कि 9 अप्रेल, 2009 को आदेश को पारित करते समय विधानसभाध्यक्ष के समक्ष छह बसपा विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की कोई याचिका पेश नहीं की गई थी।

इसके अभाव में विधानसभाध्यक्ष को दसवीं अनुसूची का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं हुआ था। इसलिए बसपा विधायकों की ओर से बसपा पार्टी का कांग्रेस पार्टी में विलय कर देने का दावा और उस पर विधानसभाध्यक्ष की ओर से दिया गया आदेश शुरू से ही शून्य एवं निष्प्रभावी है। अपील में मांग की गई है कि एकलपीठ का आदेश और विधानसभाध्यक्ष के 9 अप्रेल, 2009 के आदेश को निरस्त किया जाए।

अधिवक्ता हेमंत नाहटा ने न्यायालय को बताया कि विधानसभाध्यक्ष एवं सचिव की ओर से पिछली बार तामील कुनिन्दे को विधानसभा में घुसने से रोकने और नोटिस को पढ़कर लेने से मना कर दिया था। इस पर न्यायालय ने निर्देश दिए कि सामान्य प्रक्रिया के अलावा नोटिस रजिस्टर्ड पोस्ट से भी भिजवाए जाएं और यदि एक माह में तामील प्राप्ति नहीं होती है तो तामील पूर्ण मानते हुए प्रकरण का अंतिम निस्तारण प्रारम्भिक चरण पर ही कर दिया जाएगा।

अपील के साथ पेश स्थगन याचिका में यह प्रार्थना की गई है कि सुनवाई के दौरान छह विधायकों को इनकी मूल दलीय स्थिति में लाया जाए, उनका वोट स्थगित रहे और तीन मंत्रियों एवं तीन संसदीय सचिवों को पदों पर कार्य करने से रोका जाए। अपील पर प्रतिदिन सुनवाई हो। इन विधायकों का मामलाराजेन्द्र गुढ़ा, राजकुमार शर्मा, मुरारी लाल मीणा, रामकेश मीणा, रमेश मीणा,गिरिराज सिंह मलिंगा।

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