पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Sunday, February 7, 2010

प्राइवेट स्कूल का अनुभव फिर भी साक्षात्कार दें: हाई कोर्ट

राजस्थान हाई कोर्ट ने प्रबोधक पद पर भर्ती के मामले में निजी शिक्षण संस्था से अनुभव प्राप्त याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल करने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायाधीश अजय रस्तोगी ने यह अंतरिम आदेश महेश कुमार मीणा व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने निजी शिक्षण संस्था से पांच साल का शिक्षण कार्य का अनुभव प्राप्त किया था। इसके आधार पर उन्होंने प्रबोधक पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन किया। लेकिन आवेदन पत्र के जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा प्रमाणित नहीं किए जाने के कारण उन्हें साक्षात्कार में शामिल नहीं किया गया। राज्य सरकार अब पुन: प्रबोधक पद पर नियुक्ति के लिए साक्षात्कार ले रही है, इसलिए उन्हें साक्षात्कार में शामिल करवाने के निर्देश दिए जाएं। न्यायाधीश ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक व जिला शिक्षा अधिकारी अलवर व जयपुर से जवाब तलब किया।

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