पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, February 8, 2010

कानून मंत्रालय ने जानकारी मांगी कि कितने जजों के रिश्तेदार उसी कोर्ट में?

कानून मंत्रालय ने देश के सभी उच्च न्यायालयों में तैनात ऐसे जजों की जानकारी मांगी है जिनके बच्चे या करीबी रिश्तेदार उसी हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस कर रहे हैं। कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने सभी हाईकोर्टो के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर ये जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में ही ऐसे 10 से ज्यादा जज हैं जिनके बच्चे या रिश्तेदार यहीं पर प्रैक्टिस कर रहे हैं।मंत्रालय की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि वह हाईकोर्ट के ऐसे सभी न्यायाधीशों की जानकारी चाहता है जिनके करीबी रिश्तेदार व बच्चे उसी हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं। कानून मंत्रालय का ये पत्र खास अहमियत रखता है क्योंकि हाल ही में लॉ कमीशन ने भी अपनी 230वीं रिपोर्ट में इस बात का जिक्र कर चुका है। माना जा रहा है कि लॉ कमीशन ने न्यायपालिका में पारदर्शिता लाने और व्यवस्था को ज्यादा सुचारु ढंग से चलाने के लिए उन लोगों को हाईकोर्ट जज न लगाने की सिफारिश की है जिनके बच्चे व करीबी रिश्तेदार उसी हाईकोर्ट में वकालत कर रहे हों।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में 10 से ज्यादा जज

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में ऐसे 10 से ज्यादा जज हैं जिनके बच्चे या रिश्तेदार यहीं पर प्रैक्टिस कर रहे हैं। हाईकोर्ट के वकील भी लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि जिन जजों के बच्चे व रिश्तेदार यहां वकालत कर रहे हैं, उनका तबादला किया जाए। 800 वकीलों ने इस संबंध में हस्ताक्षर कर एक प्रस्ताव भी बार एसोसिएशन के सामने रखा था। इसमें जजों के तबादले के अलावा उनकी संपत्ति की जानकारी हासिल किए जाने की मांग की गई थी।

हाल में इसी मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में किसी अज्ञात शख्स की ओर से तीन किस्तों में पत्र भी जारी किए गए थे। यह पत्र बार एसोसिएशन के सदस्य वकीलों और हाईकोर्ट के कार्यरत जजों को भेजे गए थे। इनमें सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जज और उनके वकील बेटे का जिक्र करते हुए संकेत दिया गया था कि कार्यरत जजों का वकालत कर रहे अपने बच्चों के साथ तालमेल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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