पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, March 23, 2010

घरेलू हिंसा कानून का लाभ 2006 से पहले भी- दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में उन महिलाओं को बड़ी राहत दी है, जो 2006 में घरेलू हिंसा कानून के अमल में आने से पहले से ही पीड़ित हैं। सोमवार को दिए फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि 2006 से पहले ही पति की प्रताड़नाओं के कारण उससे अलग रह रहीं विवाहित महिलाओं को भी इसके दायरे में माना जाएगा।

जस्टिस वीके जैन ने यह फैसला सविता भनोत की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया। याचिका में सविता ने निचली कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। सविता का कहना था कि निचली कोर्ट ने उसे सिर्फ इसलिए राहत नहीं दी, क्योंकि वह 2006 से पहले ही अपने पति ले. कर्नल (रिटा.) वीडी भनोत से अलग रह रही थीं। निचली कोर्ट ने पहले तो सविता को प्रतिमाह 10 हजार रुपए का गुजारा भत्ता और ससुराल में रहने की इजाजत देने का फैसला सुनाया था। लेकिन पति की अपील के बाद फैसला बदल दिया।

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