पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, March 16, 2010

पति के जिंदा होने का सबूत देने पर रिहाई।

पति की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रही महिला को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से सुनवाई अधीन अपील का फैसला होने तक जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। महिला की रिहाई तब संभव हो पाई है जब हाई कोर्ट के पास उक्त महिला के पति के जिंदा होने का मामला आया है।

जिले के थाना बरेटा में दर्ज मामला नंबर १६७, तिथी २५ नवंबर २००५ को भादंसं की धारा ३०२,२०१ के तहत महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। दर्ज मामले के मुताबिक जिले के गांव अकबपुर खुडाल निवासी रोशनी कौर पत्नी दर्शन सिंह, गुरतेज सिंह पुत्र सुखिंदर सिंह व जगतार सिंह पुत्र करनैल सिंह को रोशनी के पति दर्शन सिंह की हत्या कर उसका शव को नहर में फेंकने के मामले में नामजद कर गिरफ्तार किया था। मामले की सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला सैशन जज जे एस भाटिया की अदालत की ओर से ३० मई २००९ को सुनाए फैसले में आजीवन कारावास व जुर्माना किया था। कोर्ट के उक्त फैसले के बाद रोशनी कौर ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट मे अपील नंबर ६३५ डीबी ऑफ २००९ मे बचाव पक्ष के वकील भानु प्रताप सिंह ने मृतक करार दिए दर्शन सिंह के जीवित होने के दिए सबूतों के बाद 9 मार्च को हाईकोर्ट के जस्टिस मेहताब सिंह गिल, जस्टिस अरविन्द कुमार की खंडपीठ की ओर से उक्त अपील के फैसले तक रोशनी कौर को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही एसएस भिंडर सीनियर अतिरिक्त एडवोकेट जनरल पंजाब को दर्शन सिंह के जीवित होने की जांच के आदेश देते हुए मामले की सुनवाई १८ मार्च का दिन तय किया है। उधर, एसएसपी हरदयाल सिंह मान ने संपर्क करने पर बताया कि मामले की गहनता से जांच होगी व किसी भी प्रकार की कोताही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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