पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, March 23, 2010

मुस्लिम महिला विवाह आयु पर विचार करेगा बंबई उच्च न्यायालय

बंबई उच्च न्यायालय मुस्लिम लड़कियों की शादी की आयु के मुद्दे पर विचार करेगा क्योंकि मुसिलम पर्सनल लॉ और बाल विवाह निषेध कानून के बीच इस मामले में परस्पर विरोध है। यह मामला उच्च न्यायालय के समक्ष उठा है तथा अदालत ने आज अतिरिक्त सालिसिटर जनरल को नोटिस जारी किया। वह इस मामले में केन्द्र सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह मुद्दा 15 वर्ष की एक लड़की के विवाह योग्य होने के मामले में उठा है।
याचिकाकर्ता द्वारा बाल विवाह निरोधक अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के बाद यह नोटिस जारी किया गया। याचिका में कहा गया है कि यह अधिनियम धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन करता है। न्यायमूर्ति डी भोसले और न्यायमूर्ति ए आर जोशी की पीठ ने 15 साल की लड़की को 29 मार्च को अदालत में पेश करने को कहा ताकि न्यायाधीश उससे पूछताछ कर सकें। लड़की की मां जाकिया बेगम ने जनवरी में उस वक्त उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जब बाल कल्याण समिति के कहने पर पुलिस ने लड़की को अपनी हिरासत में ले लिया था।

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