पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, March 23, 2010

अब समय पर अदालत पहुंचेंगे ‘जज साहब’

राजधानी की पांचों जिला अदालतों में अब जज साहबों को समय से पहुंचना होगा। कोर्ट में देरी से पहुंचने और किसी काम का बहाना बनाकर जल्दी चले जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। दिल्ली हाईकोर्ट ने जजों की लेटलतीफी पर लगाम कस दी है।

हाईकोर्ट के सख्त रवैये के बाद दिल्ली के जिला जज (प्रथम) ने पांचों जिला अदालतों के लिए एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें सभी जजों को खास हिदायत दी हई है कि वह सुबह १क् बजे तक अदालत पहुंचे और शाम पांच बजे से पहले वापस न जाएं। अगर ऐसा नहीं होगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जजों के रोजाना देरी से सीट पर बैठने और जल्द वापस चले जाने से जनता को होनी वाली परेशानियों को कम करने और मामलों की सुनवाई प्रभावित होने के चलते यह कदम उठाया गया है। जिला जज (प्रथम) जीपी मित्तल ने कड़कडडूमा, तीस हजारी, पटियाला हाऊस, रोहिणी एवं द्वारका जिला अदालतों के जजों के लिए परिपत्र जारी किया है।

जिसमें खास तौर पर सभी जजों को हिदायत दी गई है कि सभी न्यायिक अधिकारी समय की महत्ता को समझें। दिल्ली हाईकोर्ट इस बात को लेकर गंभीर है कि दिल्ली की निचली अदालतों के जज समय से कोर्ट में अपनी सीट पर नहीं बैठते हैं और समय से पहले ही वापस चले जाते हैं।

जिला जज ने सभी जजों को निर्देश दिए हैं कि वह सुबह ठीक 10 बजे तक अदालत पहुंचकर अपनी सीट पर बैठ जाएं और शाम पांच बजे से पहले अदालत से न जाएं। ऐसा न होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। परिपत्र को जिला जज द्वितीय से लेकर नौ तक सभी के पास भेज दिया गया है। और इस आदेश का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए गए हैं। तीस हजारी कोर्ट में बैठने वाले मध्य जिले के सभी न्यायिक अधिकारियों को इस आदेश का पालन करने की खास हिदायत दी गई है।

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