पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Sunday, March 28, 2010

सीवी में गलत जानकारी देने पर जेल

इंग्लैंड में डेवन तट पर स्थित लाइमाउथ में एक महिला को सीवी में गलत जानकारी देने पर 6 माह की जेल की सजा सुनाई गई है। रियानन मैके ने न केवल दो ए-लेवल होने का दावा किया बल्कि फर्जी रेफरेंस भी दिए। वह बायो-डाटा में गलत जानकारी देने के अपराध में जेल भेजी जाने वाली पहली महिला बन गई है।

उनतीस वर्षीय मैके ने गलत जानकारी देकर एनएचएस ट्रस्ट में प्रशासक की 23,000 पाउंड सालाना की पगार वाली नौकरी हासिल कर ली थी जहां वह मई 2008 से लेकर पिछले अक्टूबर तक करीब डेढ़ साल काम करती रही।

क्या किया : अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि नौकरी के लिए दो ए-लेवल होना जरूरी था। मैके ने नौकरी की पात्रता पूरी करने के लिए दो ए-लेवल होने का दावा सीवी में किया जो कि उसके पास नहींे थे और अपने पति का नाम ही रेफरेंस में देते हुए सिफारिश कर दी। उसने यह भी कबूल किया कि वह 11 अन्य मामलों में ऐसा ही कर चुकी है।

इसके अलावा मैके ने रॉयल नेवी में सोनर आपरेटर की अपनी पिछली नौकरी से डिस्चार्ज का सर्टिफिकेट भी तैयार कर लिया। उसके काम को देखते हुए संदेह पैदा हुआ और एनएचएस ट्रस्ट में अधिकारियों द्वारा सख्ती किए जाने पर उसने सच्चई कबूल कर ली। मैके के वकील ने हालांकि दलील दी कि दुर्घटना के बाद से वह अवसाद और तनाव से गुजर रही है। नेवी छोड़ने के बाद उसने कई जगह अर्जी दी लेकिन नाकामी हाथ आई। तब उसने अपने सीवी को भारी-भरकम बनाना शुरू किया और उसको कतई अंदाजा नहीं था कि ऐसा करने पर वह जेल जा सकती है।

पिछले साल एनएचएस में ही नौकरी हासिल करने के लिए अपनी योग्यता के बारे में गलत जानकारी देने को लेकर ली व्हाइटहेड नामक 44 साल के व्यक्ति को तीन माह की सजा हुई थी।

19 फीसदी ने दी गलत जानकारी --वनपोलडॉटकाम के 2000 कर्मचारियों पर किए गए सर्वे के मुताबिक हर पांच में से एक कर्मचारी सीवी में गलत जानकारी देता है। 19 फीसदी से ज्यादा ने माना कि उन्होंने योग्यता को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है।

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