पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Monday, March 8, 2010

बाज आए राज, नहीं तो होगी कार्रवाई: उच्चतम न्यायालय

उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे से आज कहा कि यदि वह नफरत फैलाने वाला भाषण देने से बाज नहीं आए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।

ठाकरे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने मुख्य न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि उनके मुवक्किल के खिलाफ बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में लगातार मुकदमे हो रहे हैं।

रोहतगी ने न्यायालय से मांग की कि वह उत्तर भारतीयों के खिलाफ भाषण को लेकर ठाकरे के खिलाफ पटना, जमशेदपुर और मध्य प्रदेश के एक स्थान पर दायर मुकदमों की सुनवाई दिल्ली की किसी अदालत में कराई जाए।


लेकिन न्यायमूर्ति बालाकृष्णन ने कहा कि ठाकरे यदि उत्तर भारतीयों के खिलाफ इसी तरह बयान देते रहे तो उनके खिलाफ मुकदमे तो दायर होंगे ही। उन्होंने कहा कि ठाकरे इस तरह के बयान देने से बाज आएं, नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण को लेकर मनसे प्रमुख के खिलाफ दायर कुछ मुकदमों को पिछले दिनों दिल्ली की तीस हजारी अदालत में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। लेकिन ठाकरे कुछ अन्य मुकदमों को भी स्थानांतरित करने की गुहार न्यायालय से कर रहे हैं।

उनके खिलाफ महाराष्ट्र की विभिन्न अदालतों में 73 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं

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