पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Sunday, March 14, 2010

जल्द ही में उत्तरप्रदेश घर बैठे खरीदें जमीन-जायदाद

जमीन-जायदाद की खरीद-फरोख्त में जल्द ही बिचौलियों से छुटकारा मिल सकेगा। अब घर बैठे लोग बैनामा करा सकेंगे। इस दिशा में प्रयास तेज हो गये हैं। ऑन लाइन रजिस्ट्री का अगला कदम इसी माह शुरू हो जायेगा। कम्प्यूटर इंटरनेट से लेकर कार्यालयों तक रजिस्ट्री का नया प्रोफार्मा उपलब्ध होगा। उपभोक्ता निर्धारित फार्म भरकर जमीन-जायदाद का क्रय-विक्रय कर सकेंगे। उन्हें न तो किसी वकील की जरूरत पड़ेगी और न ही लाइसेंसधारक बैनामा लेखकों का सहारा लेना पड़ेगा। हर प्रकार के बिचौलियों का सिस्टम खत्म हो जायेगा।

नये स्टाम्प एक्ट के लागू होते ही डिजिटल सिग्नेचर (हस्ताक्षर) के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी सम्पत्ति का क्रय और विक्रय कर सकेगा। घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी। उम्मीद जतायी जा रही है कि इंटरनेट पर प्रोफार्मा उपलब्ध कराने के बाद विभाग का अगला कदम पूर्ण रूप से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार का स्टाम्प एवं निबंधन विभाग तैयारी में जुटा है।

प्रदेश में कुल 353 रजिस्ट्री दफ्तर हैं। जिनमें 106 दफ्तर कम्प्यूटराइज्ड किये जा चुके हैं। इसी माह 40-45 और नये दफ्तरों में कम्प्यूटर लग जायेंगे। मेरठ और लखनऊ मण्डल के सभी तहसील स्तरों में भी स्थित निबंधन कार्यालयों में कम्प्यूटर नेटवर्क रन करने लगेगा। इस संदर्भ में इसी माह आगरा में कार्यशाला भी आयोजित होने जा रही है।

विभागीय स्तर पर रजिस्ट्री को दो संवर्गो में बांटा गया है। करीब 80 फीसदी रजिस्ट्री आर्डिनरी अर्थात साधारण रजिस्ट्री संवर्ग में आती है। जबकि दूसरे संवर्ग में टेक्निकल रजिस्ट्री शामिल है जिसमें बैंक के लोन वगैरह पक्ष भी शामिल रहते हैं। ऑन लाइन रजिस्ट्री के तहत इस पहलू पर भी ध्यान दिया जा रहा है। तैयार हो रहे नये साफ्टवेयर के जरिए दोनों प्रकार के बैनामों को आच्छादित किया जा सकेगा। नये साफ्टवेयर में निर्धारित मोहल्लों के सरकिट रेट कैलकुलेटेड होकर सामने आ सकेंगे और संबन्धित व्यक्ति डिजिटल सिग्नेचर के साथ साथ ऑन लाइन जमीन-जायदाद की खरीद-फरोख्त की सुविधाओं का लाभ उठा सकेगा। उसे न तो दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ेंगे और न ही कि बिचौलियों को किसी प्रकार की घूस वगैरह देनी पड़ेगी।

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