पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Saturday, April 10, 2010

70 हजार पेज का चालान

बालको के 1200 मेगावाट के पॉवर प्लांट की निर्माणाधीन चिमनी 23 सितंबर 2009 को धराशायी हुई। इसमें 40 मजदूर मारे गए। पुलिस ने बालको थाने में एक मामला अपराध क्रमांक 377/09 पर धारा 304, 34 भादवि के तहत् पंजीबद्ध किया।

विवेचना के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर इसमें धारा 324, 326, 201 भादवि भी जोड़ी गई। इस मामले में पुलिस ने अब तक 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की है। जिनमें बालको के प्रोजेक्ट मैनेजर विरल मेहता सहित तीन अधिकारी, सेपको के प्रोजेक्ट मैनेजर वू छुनान तथा दो इंजीनियर, जीडीसीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर मनोज शर्मा व दो अन्य तथा एनसीसीबीएम बल्लभगढ़ हरियाणा के हेड एमएम अली व दो इंजीनियर शामिल हैं।


पुलिस ने 18 फरवरी को इस मामले में पहली चार्ज शीट पेश की थी। शुक्रवार 9 अप्रैल को पुलिस ने इस मामले का चालान जेएमएफसी श्रीमती सरोजनंद दास के न्यायालय के पेश किया। न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार पुलिस ने आज पेश किए गए चालान में आरोप पत्र के साथ साक्ष्य, गवाहों के बयान, जांच रिपोर्ट के जो दस्तावेज संलग्न किए हैं वह 70 हजार पेज से अधिक के हैं।


इन दस्तावेजों को बक्सों में भरकर एक वाहन से अदालत लाया गया। कानूनी जानकार कहते हैं कि पुलिस ने इस मामले से जुड़े प्रत्येक बिंदुओं की सूक्ष्मता पूर्वक जांच की है यह इन दस्तावेजों से प्रतीत होता है। अपने तरह का यह एक ऐतिहासिक चालान है।


पुलिस ने इस मामले में अब तक 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना तथा पांच अन्य आरोपियों को फरार बताते हुए मामले की विवेचना जारी होने की बात कही है। इन फरार आरोपियों में बालको के इंजीनियर संजय देव तथा जीडीसीएल के चिमनी निर्माण से जुड़े विकास भारतीय, शिव पालीवाल, अनिरुद्ध तोमर तथा व्यंकटेश शामिल हैं।

इन आरोपियों की गिरफ्तारी पर पुलिस अभी और सप्लीमेंट्री चालान पेश करेगी। पुलिस ने इस मामले में 130 गवाह नामित किए हैं। शासन की ओर से उपसंचालक अभियोजन जे चंद्रा, जीडीसीएल की ओर से अधिवक्ता अशोक तिवारी, सेपको की ओर से अधिवक्ता श्रीमती मीनू त्रिवेदी जोशी व वल्लभगढ़ लेब के आरोपियों की ओर से अधिवक्ता महेन्द्र तिवारी न्यायालय में पेश हुए।

मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को उपरपण के लिए तय की गई है। चालान आज रिमांड कोर्ट में पेश किया गया है। चूंकि मामले की सुनवाई की अधिकारिता डीजे या एडीजे कोर्ट की है सो अगली सुनवाई की तिथि पर केस वहां स्थानांतरित किया जावेगा।

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