पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, April 14, 2010

एक साल तक पानी पिलाएगा दुष्कर्म का आरोपी

चंडीगढ़ जुविनाइल जस्टिस बोर्ड के चीफ जस्टिस हरीश गुप्ता ने चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास करने के लिए दोषी ठहराए गए झज्जर के किशोर युवक को सजा के तौर पर एक साल तक झज्जर बस स्टैंड पर पानी पिलाने की सजा दी है। सामुदायिक सेवा के इस आदेश के तहत दुष्कर्म के प्रयास के दोषी को बस स्टैंड इंचार्ज के नियंत्रण में रहते हुए एक साल तक बोर्ड द्वारा दिए गए फैसले को अमल में लाना होगा।

गौरतलब है कि 7 मार्च 2002 को झज्जर के रिशु नामक किशोर युवक के खिलाफ पुलिस ने पड़ोस में रहने वाली चार वषीर्य बच्ची के साथ दुष्कर्म के प्रयास के संबंध में पीड़ित बालिका की दादी की शिकायत पर रिशु के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था। आरोपी युवक के नाबालिग होने के कारण यह मामला जुविनाइल बोर्ड में भेज दिया गया। सहायक जिला न्यायवादी किरण चौधरी ने मामले के दोषी किशोर को अधिकतम सजा देने की मांग बोर्ड से की। उन्होंने इस संदर्भ में अपना तर्क रखते हुए कहा कि दोषी द्वारा किए गए अपराध की प्रकृति गंभीर किस्म की है और समाज में इस तरह की घटनाएं दिनों-दिन बढ़ रही हैं, इसलिए दोषी को सख्त सजा दिया जाना जरूरी है।

दोषी के वकील ने अपना तर्क रखते हुए कहा कि चूंकि यह दोषी साबित हुए किशोर युवक का पहला अपराध है और वह अपने वृद्ध-माता पिता का इकलौता कमाने वाला पारिवारिक सदस्य है। इस लिहाज से बोर्ड दोषी के साथ नरमाई बरते। मामले से जुड़े सभी पक्षों की सुनवाई के बाद बोर्ड ने बच्ची से दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी रिशु को सजा के तौर पर स्थानीय बस स्टैंड पर एक साल तक सामुदायिक सेवा करने का फैसला दिया है।

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