पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Thursday, April 29, 2010

पुराना विज्ञान है ज्योतिष : केंद्र

बंबई हाईकोर्ट में दाखिल अपने शपथ पत्र में केंद्र सरकार ने कहा है कि ज्योतिष एक पुराना विज्ञान है और इसे प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता।
अदालत अभी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें ज्योतिष और वास्तुशास्त्र को प्रतिबंधित करने की मांग की गई है। इस याचिका में ज्योतिष विज्ञापनों को औषधीय और चमत्कारिक इलाज (आपत्तिजनक विज्ञापन निरोधक) अधिनियम 1954 के तहत प्रतिबंधित करने की मांग की गई है।
इस जनहित याचिका के जवाब में भारत सरकार के डिप्टी ड्रग कंट्रोलर डा. आर रामकृष्ण ने कहा कि ज्योतिष पर प्रतिबंध की मांग एक गलत अवधारणा पर आधारित है और यह अनुचित है। उन्होंने कहा कि ज्योतिष चार हजार वर्षों पुराना समय की कसौटी पर खरा विज्ञान है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि ज्योतिष पाठ्यक्रम पेश करना देश के संविधान की धर्मनिरपेक्षता की भावना का अतिक्रमण नहीं है। केंद्र का शपथ पत्र भी न्यायालय के उसी फैसले पर आधारित है। केंद्र ने कहा कि ज्योतिष और संबंधित विषय औषधीय और चमत्कारिक इलाज (आपत्तिजनक विज्ञापन निरोधक) अधिनियम 1954 के दायरे में नहीं आते।
शपथपत्र में कहा गया है कि इस कानून का उपयोग केवल औषधियों और चमत्कारिक इलाज के दावे करने वाले भ्रामक विज्ञापन जैसे अवैज्ञानिक तर्क पर गर्भनिरोध को आश्वस्त करने वाले या यौन शक्ति बढ़ाने के दावे करने वाले विज्ञापनों के खिलाफ किया जा सकता है।

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