पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, June 11, 2010

राजस्थान में नालायक बच्चों से ले सकेंगे भरण पोषण भत्ता

बुजुर्ग मां—बाप अब अपने नालायक बच्चों से न केवल अपनी संपत्ति वापस छीन सकेंगे बल्कि 10,000 रुपए तक का भरण पोषण भत्ता भी ले सकेंगे। इसके लिए उन्हें अब कोर्टों में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, बल्कि एसडीएम या कलेक्टर के यहां अर्जी देकर ही न्याय ले सकेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। इसी के साथ बैठक में माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम के तहत नए नियमों को मंजूरी दे दी गई।

बैठक के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि इसका कानून तो केन्द्र सरकार ने 2007 में ही बना दिया था, लेकिन राज्य सरकारों को नियम बनाने के लिए कहा गया था। अब राजस्थान सरकार ने इसके नियम बना दिए हैं।


ऐसे मिलेगी बुजुर्ग मां बाप को राहत


* मां बाप को घर से निकालने पर तीन माह की सजा और 5000 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान।
* संपत्ति का बच्चों में बंटवारा करने के बावजूद यदि बच्चे सेवा (मूलभूत सुविधाएं) नहीं करते हैं तो मां बाप अधिकरण में जाकर बंटवारा (संपत्ति हस्तांतरण) को शून्य घोषित करवा सकते हैं।
* इसके लिए प्रत्येक उपखंड में भरण पोषण अधिकरण का गठन होगा। एसडीएम इसका पीठासीन अधिकारी होगा।
* प्रत्येक जिले में एक अपीलीय अधिकरण बनाया जाएगा। जिला मजिस्ट्रेट इसमें पीठासीन अधिकारी होगा।
* प्रत्येक जिले में कम से कम एक वृद्धाश्रम होगा
* बच्चों ने अगर माता पिता का सही भरण पोषण नहीं किया तो अधिकरण मां बाप को अधिकतम 10,000 रुपए तक का भत्ता दिलवा सकेगा।
* अधिकरण में वकीलों को पैरवी करने का अधिकार नहीं होगा। दोनों पक्षों को खुद ही पेश होना होगा।
* अधिकरण के फैसलों को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।

2 टिप्पणियाँ:

संजय भास्‍कर said...

good newssssssssssss

संजय भास्‍कर said...

भरण पोषण भत्ता भी ले सकेंगे।