पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, June 15, 2010

एंडरसन मामले में अर्जुन सिंह सहित चार लोगों के खिलाफ कोर्ट में याचिका

एंडरसन को फरार करने के मदद करने के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह सहित चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर सीजेएम कोर्ट में याचिका लगाई गई है। जस्टिस उषा तिवारी की कोर्ट में पेश परिवाद पत्र में अर्जुन सिंह,उनके पुत्र और कांग्रेस विधायक अजय सिंह, तत्कालीन प्रमुख सचिव ब्रह्मस्वरूप एवं तत्कालीन टीआई सुरेंद्र सिंह को आरोपी बनाए गया है। सोमवार को एडवोकेट फुरकान खान की ओर से पेश इस्तागासे पर मजिस्ट्रेट ने बयान दर्ज करने के लिए 29 जून तारीख तय की है।

यहां यर काबिलेगौर है कि तत्कालीन प्रमुख सचिव ब्रह्मस्वरूप की मौत हो चुकी है। इस्तगासे में लिखा है कि गैस रिसन की घटना के बाद हनुमानगंज पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी। 7 दिसंबर 1984 को आरोपी एंडरसन भोपाल आया था।

हनुमानगंज पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। इसके बाद एंडरसन को भादंवि की धारा 304-ए, 304, 25 हजार रुपए का मुचलका भरकर छोड़ दिया गया। धारा 304 गैरजमानती अपराध है और इसमें पुलिस को जमानत देने का अधिकार ही नहीं था। लेकिन एंडरसन को मुचलके पर छोड़ दिया गया।

कानून के अनुसार 304 में गिरफ्तार व्यक्ति को न्यायालय में पेश करना था। जहां मजिस्ट्रेट को ही आरोपी की जमानत पर सुनने का अधिकार था। परिवाद पत्र में कहा गया है कि एंडरसन को फरार करने में अर्जुन सिंह सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के आदेश दिए जाए।

वहीं सोमवार को मामले में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार और एडवोकेट शाहनवाज की ओर से अदालत में एक इस्तगासा पेश कर तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह और तत्कालीन एसपी स्वराज पुरी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की अर्जी लगाई गई है।

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