पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, June 2, 2010

वकीलों को जज बनाने के लिए प्रस्तावित 5 नामों की समीक्षा हो -सुप्रीम कोर्ट कॉलेयिम

सुप्रीम कोर्ट कॉलेयिम ने दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायिक नियुक्ति समिति को पांच वकीलों के बतौर न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की अपनी हालिया सिफारिश की समीक्षा करने को कहा है। नियुक्ति समिति ने उच्च न्यायालय में वकालत कर रहे पांच अधिवक्ताओं को इसी न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त किये जाने की सिफारिश की है।

विधि मंत्रालय में उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाडिया की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने उच्च न्यायालय की नियुक्ति समिति के प्रस्ताव में कुछ स्वाभाविक समस्या की ओर इशारा किया है। सूत्रों के अनुसार कॉलेजियम ने इस बात को लेकर ऎतराज जताया है कि यह सिफारिश उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ए पी शाह ने अपनी सेवानिवृत्ति से कुछ दिनों पहले ही की थी।

न्यायाधीश कपाडिया चाहते हैं कि यह सिफारिश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा करें। बतौर न्यायाधीश नियुक्ति के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन से जुडे जिन पांच वकीलों के नामों की सिफारिश की गई है उनमें अभिनव वशिष्ट, राजीव वीरमणि, अनुसूइया सालवान, मीनाक्षी अरोडा और मनिन्दर आचार्य शामिल हैं।

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