पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, June 2, 2010

अक्षरधाम हमले में अपराधियों को मिली फासी की सजा के फैसले को हाईकोर्ट ने बरक़रार रखा |

24 सितबंर 2002 के दिने गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर में हुए आतंकी हमले में अरोपियो को मिली फासी की सजा| इस हमले में 33 लोग मारे गए थे जबकि 76 जख्मी हुए थे|
मंगलवार को गुजरात हाईकोर्ट ने अपने फैसले में आरोपियों को फासी को सजा सुनते हुए निचली अदालत के फैसले को बरक़रार रखा है |
ज्ञात हो 24 सितबंर 2002 के दिने गांधीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर में जब लोग दर्शन के लिए खड़े थे तब 5 बन्दूक धारियों ने मंदिर में घुस कर गोलियाँ चलानी शुरू कर दी थी जिसमें 33 लोग मारे गए थे जबकि 76 लोग घायल। कई घंटों तक चले इस मुठभेड़ में एनएसजी और गुजरात पुलिस का एक कमांडो भी मारा गया था जबकि कुछ कमांडो भी घायल हुए थे। आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच पूरी रात मुठभेड़ चली, जिसमें दो चरमपंथी भी मारे गए थे। यह हमला चरपंथी संगठन जैस-ए-मोहम्मद के इशारे पर किया गया था।
इस हमले के अभियुक्तों को विशेष पोटा जज सोनिया गोकाणी की अदालत ने 2006 में इस मामले में तीन आरोपियों को फांसी, एक को उम्रकैद, एक को 10 साल की सजा और एक को पांच साल की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के इस फैसले को अभियुक्तों ने गुजरात हाई कोर्ट के चुनौती दी थी जिस पर आज सुनवाई करते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने आरोपियों की फासी की सजा सुनते हुए निचली अदालत के फैसले को बरक़रार रखा है |
ज्ञात हो हमलावर आतंकियों को ठिकाने लगाने के लिए एनएसजी के विशेष दस्ते को गांधीनगर आकर ऑपरेशन करना प़डा था। इस ऑपरेशन में एक कमांडो भी मारा गया था जबकि कुछ कमांडो भी घायल हुए थे जबकि दो चरमपंथी भी मारे गए थे।

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