पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, July 30, 2010

उच्चतम न्यायालय में 55791 तथा उच्च न्यायालयों में 40,76,837 मामले लंबित

केंद्र सरकार ने कहा है कि पिछले साल के अंत तक उच्चतम न्यायालय में जहां 55791 मामले लंबित हैं वहीं देश के 21 उच्च न्यायालयों में 40,76,837 मामले लंबित थे.

कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने परिमल नथवानी के प्रश्न के लिखित उत्तर में कल राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय में 20815 नियमित मामले लंबित थे जबकि प्रवेश संबंधी लंबित मामलों की संख्या 34976 थी.

मोइली ने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सरकार लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है जिनमें त्वरित अदालतों, कुटुम्ब अदालतों और ग्राम अदालतों की स्थापना शामिल है.

उन्होंने सरकार ने न्याय प्रणाली में सुधार के लिए राज्यों को 5000 करोड़ रुपए प्रदान करने के 13वें वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है.

मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अपने 12 जुलाई 2010 के एक आदेश में प्रत्येक सोमवार को बैठने का निश्चय किया है ताकि अधीनस्थ अदालतों की बुनियादी ढांचा संबधी समस्याओं की समीक्षा की जा सके.

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